इ हमर नव वर्ष नै
नै चाही शुभ कामना नै हमर ई कामना नै हमर ई नव वर्ष छी नै हमर ई धर्म विशेष छी धरती आकाश भरल कुहेस सं लोक बाग सब पड़ल जाड़ सं चिड़ै चुनमुनी नै चहचहा रहल य ध्यान सब नै किलोल कय रहल य सुर्य देव नै दर्शन देखा रहल य दिन राईत ऐक्के जेना भ रहल य किछु रंग नै किछु उमंग नै ई नव वर्ष केर कोनो ढंग नै नव वर्ष केर ई कोनो रंग नै किछु मास और इंतज़ार करु अपन मन म कनियो त विचार करु कियक नक़ल म अपन अक्ल बहाबी ई धुंध कुहासा हटय दियौ कुहासा केर सम्राज्य हटय दियौ प्रकृति केर अपन रूप खिलय दियौ फागुन केर रंग बिखरय दियौ प्रकृति दुल्हन केर रूप धय जखन स्नेह – सुधा बरसायत शस्य – श्यामला धरती माता घर -घर खुशहाली आयत तखन चैत्र शुक्ल केर प्रथम तिथि क तखन नव वर्ष सब मिल मनायब आर्यावर्त केर पुण्य भूमि पर सब मिल जय गान करब युक्ति – प्रमाण सॅ स्वयंसिद्ध अपन नव वर्ष क करब प्रसिद्ध आर्वर्तय केर कीर्ति सदा नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अनमोल विरासत सॅ भरल अपन सब प्राणी म उमंग भरल अपन करैत सब स सरोज ई वंदना सब गोटे क देब शुभ कामना सब गोटे करब कामना #हम_सब_मिथिलावासी