बरसाइत.(वटसावित्री )

मिथिलाक पावनि पर्व ‘बरसाईत’
क ""हम सब मिथिलावासी"" ग्रुप क
तरफ सॅ समस्त मैथिलानी क हार्दिक शुभकामना
मिथिलाक पावनि पर्व बरसाईत जेकरा देश भरि में वट सावित्री कें नाम सं जानल जाइत अछि। आई शनी दिन मिथिला सहित संपूर्ण देश में धूमधाम सं मनाओल जाईत बरसाईत। ई मिथिला में नव विवाहिता लोकनिक लेल आओर खास मानल जाइत अछि। नव विवाहिता अपन पतिदेव कें दीर्धायु हेवाक लेल व्रत राखै छथि। गामक बुजुर्ग महिला लोकनि कें कहतब छनि जे‘ बहुत दिन पहिले एकटा राजा छलखिन हुनका 7 टा बेटा छलनि। हुनक आंगन में एकटा बिल छलैनि जाहिमें नित दिन भात बनेलाक उपरांत मांढ़ कें बिल में ढारि दैय छलखिन जाहि सं नाग-नागिन(बिषहारा) द्वारा देल गेल अंडा नोकसान भय जाइत छलनि। ओहि दिन सं बिषहारा प्रण केलनि जे जहिना हमर घर ई सब उजाईर देलक अहि, तहिना हमहुं हिनक घर नहि बसय देबैन।
जखन राजा कें बेटा विवाह कय बर‘क गाछ तर सं गुतरैत छलखिन तय हुनक बेटा कें डसि लैत छलथि। एहि तरहें राजा कें 6 गोट पुत्रक मृत्यु भय गेलनि। जखन 7तम पुत्र विवाह कें बाद कनिया संग विदा होमो लागलथि तय अचानक उदास भय गेलथि। हुनक उदास मुंह कें देखैत हुनक पत्नी उदासीक कारण पुछलखिन, जखन हुनका संपूर्ण व्रितांतक पता चललनि तय ओ अपन पति कें जिनगी कें वास्ते बिसहारा कें मनेबाक लेल पुरैनक पात, धानक लाबा, दूध, फूल अक्षत सहित आन नानान तरहक पूजाक वस्तु कें जोगार कय पूजा आरंभ केलथिन। जखन बिषहारा खा कय मस्त भय गेलथि तय ओ ओहि कन्या कें वरदान मंागवाक लेल कहलखिन तऽ ओ नवविवाहिता अपन पतिक जिनगी सहित 6 टा देयोरक जिनगी मांगलखिन जेकरा बिषहारा पूरा कय देलथिन। जेकरा आब ‘बर लियऽ आ मड़ दियऽ बर सं कहि अपन पतिक दीर्धायु हेबाक मंगल कामना करैत छथिन।
बरसाईत पूजा कें दौरान बियैन सेहो हौकल जाइत अछि जाहिके बारे में जखन पुछलियनि तऽ ओ कहलनि जे‘ जखन बिषहारा दूध-लाबा भरि पेट खा लैत छथि

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